Aandolan

आंदोलन

क्या है यह आंदोलन?

क्यों है यह आंदोलन?

क्या आंदोलन एक मात्र

रास्ता है?

 

अपनी बात कहने का

और कोई विकल्प नहीं

अपनी बात समझाने का

और कोई तरीका नहीं

बस उपद्रव् करने का

औचित्य, और कुछ नहीं

 

लाठी, डंडे, बूम, गोले

सब जम कर बोले

क्या यही लोक नीति है

या राजनीती है

अपनी चमकाने के लिए

देश काला करो

पवित्र झंडे की अस्मत

नीलाम करो

पूरे देश को असहाय

होने का अहसास कराओ

सरकार को मूक दर्शक

दिखाओ

नेता, राजनेता सब तमाशबीन

देश के रखवाले

पुलिस, सिपाही  सब अनजान

देश में अराजकता का माहौल

बल्कि खौफ का सरमाया

क्या हमने यही संजोया है

क्या यही आज़ादी की दाम है

जिसका विश्व में बड़ा नाम है

 

कभी ना भूलने वाला गणतंत्र दिवस

जब सारा देश बंधक बन चूका था

कुछ हाथों द्वारा

बच्चे, बड़े सब भयभीत

टीवी पर लानत मलानत

का अनवरत सिलसिला

क्या इसी दिन के लिए

हम अपने देश पर गर्व

करते हैं

 

समय है जब हम भी शर्मसार  हों

इनसे कड़ाई से निपटा जाए

देश को सोने की चिड़िया

बनाया जाये

सौहार्द का वातावरण तैय्यार

किया जाए

 

सोचा जाये की क्यों छोटे छोटे

देश हमसे आगे निकल गए

हम क्यों वहां रह गए

जहाँ रह गए

 

 

 

अपनी बात कहने का

और कोई विकल्प नहीं

अपनी बात समझाने का

और कोई तरीका नहीं

बस उपद्रव् करने का

औचित्य, और कुछ नहीं

 

लाठी, डंडे, बूम, गोले

सब जम कर बोले

क्या यही लोक नीति है

या राजनीती है

अपनी चमकाने के लिए

देश काला करो

पवित्र झंडे की अस्मत

नीलाम करो

 

पूरे देश को असहाय

होने का अहसास कराओ

सरकार को मूक दर्शक

दिखाओ

नेता, राजनेता सब तमाशबीन

देश के रखवाले

पुलिस, सिपाही  सब अनजान

देश में अराजकता का माहौल

बल्कि खौफ का सरमाया

क्या हमने यही संजोया है

क्या यही आज़ादी की दाम है

जिसका विश्व में बड़ा नाम है

 

कभी ना भूलने वाला गणतंत्र दिवस

जब सारा देश बंधक बन चूका था

कुछ हाथों द्वारा

बच्चे, बड़े सब भयभीत

टीवी पर लानत मलानत

का अनवरत सिलसिला

क्या इसी दिन के लिए

हम अपने देश पर गर्व

करते हैं

 

समय है जब हम भी शर्मसार  हों

इनसे कड़ाई से निपटा जाए

देश को सोने की चिड़िया

बनाया जाये

सौहार्द का वातावरण तैय्यार

किया जाए

 

सोचा जाये की क्यों छोटे छोटे

देश हमसे आगे निकल गए

हम क्यों वहां रह गए

जहाँ रह गए